न्यायमूर्ति एसएस श्यामशेरी ने नेहा शर्मा और 53 अन्य द्वारा दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया है।
Press Trust of India | May 27, 2025 | 11:28 AM IST
नई दिल्ली: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उप निरीक्षक (नागरिक पुलिस) और पीएसी एवं अग्निशमन सेवाओं के प्लाटून कमांडरों की 2021 की भर्ती में महिला ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए अलग मेरिट लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि उनकी रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाए।
इलाहाबाद एचसी ने कहा कि चूंकि मेरिट सूची में दोनों श्रेणियों को मिला दिया गया था, इसलिए महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की केवल 34 महिलाएं ही लाभान्वित हुईं।
न्यायमूर्ति एसएस श्यामशेरी ने नेहा शर्मा और 53 अन्य द्वारा दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया।
अदालत ने कहा, “राज्य सरकार ने यह स्वीकारा है कि मुक्त (सामान्य) वर्ग (722) के तहत महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण के लिए सीटें और आर्थिक रूप से कमजोगर तबके (ईडब्ल्यूएस) के वर्ग (181) के तहत महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण को मिला दिया गया और कुल 903 सीटें महिलाओं को आवंटित की गईं।”
याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने दलील दी कि राज्य सरकार ने खुले वर्ग और ईडब्लूएस में महिलाओं के लिए आरक्षण को गलत तरीके से मिला दिया, इसलिए महिलाओं के लिए आरक्षित कुल सीटें भर दी गईं, लेकिन अब भी केवल 34 महिलाओं को ईडब्लूएस कोटा के तहत आरक्षण का लाभ मिला, जबकि ईडब्लूएस कोटा के लिए 181 महिलाएं पात्र थीं।
अदालत ने 23 मई को दिए अपने निर्णय में कहा कि राज्य सरकार ऐसा कोई भी प्रावधान, आदेश या सरकारी आदेश प्रस्तुत करने में विफल रही जिससे पता चलता हो कि महिलाओं के लिए अलग अलग आरक्षण को लागू किया गया। इसके बजाय, उन्होंने दोनों आरक्षणों को मिला दिया जिससे मौजूदा स्थिति पैदा हुई।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 20% क्षैतिज आरक्षण दिया है। अब, जनरल/ ओबीसी/ एसी/ एसटी/ ईडब्ल्यूएस श्रेणियों में कुल रिक्तियों का 20 प्रतिशत महिलाएं नियुक्ति की जाएंगी। पुलिस उपनिरीक्षक (सिविल पुलिस)/प्लाटून कमांडर पीएसी भर्ती-2021 के तहत 9027 पद भरे जाने थे।