Santosh Kumar | December 10, 2025 | 05:44 PM IST | 2 mins read
अगर उम्मीदवारों को आंसर-की में कोई गड़बड़ी मिलती है, तो वे दिसंबर तक तय फीस के साथ ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

नई दिल्ली: राजस्थान स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड (आरएसएसबी) कल प्लाटून कमांडर की प्रोविजनल आंसर-की के लिए ऑब्जेक्शन विंडो खोलेगा। जो उम्मीदवार मानते हैं कि बोर्ड द्वारा जारी आरएसएसबी प्लाटून कमांडर आंसर-की में कोई गड़बड़ी है, वे आंसर-की को ऑनलाइन चैलेंज कर सकते हैं। बोर्ड ने इस संबंध में अपनी ऑफिशियल वेबसाइट rssb.rajasthan.gov.in पर अधिसूचना जारी की है।
बोर्ड ने 22 नवंबर को प्लाटून कमांडर परीक्षा आयोजित की। अगर उम्मीदवारों को आंसर-की में कोई गड़बड़ी मिलती है, तो वे कल से 13 दिसंबर तक बोर्ड की वेबसाइट पर तय फीस के साथ ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
जो उम्मीदवार ऑफलाइन अप्लाई करके परीक्षा में शामिल हुए थे, वे हर सवाल के लिए ₹100 का पोस्टल ऑर्डर लगाकर अपनी आपत्तियां ऑफलाइन जमा कर सकते हैं। यह पोस्टल ऑर्डर बोर्ड ऑफिस के नाम पर पेएबल होना चाहिए।
आपत्तियां, पोस्टल ऑर्डर के साथ, 11 दिसंबर को सुबह 10 बजे से 15 दिसंबर को शाम 6 बजे के बीच, निर्धारित फॉर्म (जो इसके साथ अटैच है) का इस्तेमाल करके, बोर्ड ऑफिस के रिसेप्शन काउंटर पर व्यक्तिगत रूप से जमा करनी होंगी।
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परीक्षा में प्रश्नपत्रों के अलग-अलग सेट शामिल थे। मास्टर प्रश्नपत्र में सभी प्रश्न हैं, लेकिन प्रश्नों का क्रम और उनके विकल्प सेट आपके से भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, मास्टर प्रश्नपत्र में दिए गए प्रश्न संख्या और विकल्पों के क्रम पर ही भरोसा करें।
आरएसएसबी ने प्रति आपत्ति ₹100 का शुल्क निर्धारित किया है। अभ्यर्थियों को अपने एसएसओ आईडी के माध्यम से प्रति प्रश्न ₹100 का शुल्क ऑनलाइन देना होगा, जो कि उनके द्वारा आपत्ति किए गए प्रश्नों की संख्या पर निर्भर करेगा।
किसी अन्य माध्यम से या निर्धारित तिथि के बाद भेजी गई आपत्तियां स्वीकार नहीं की जाएंगी। आपत्तियां केवल एक बार ही स्वीकार की जाएंगी। ऑनलाइन आपत्ति पोर्टल पर केवल मानक एवं प्रामाणिक पुस्तकों का प्रमाण ही संलग्न करें।
इस प्रमाणपत्र को अपलोड करते समय प्रत्येक पृष्ठ पर अपना रोल नंबर और संबंधित प्रश्न का क्रमांक लिखें। संदर्भों में पुस्तक का शीर्षक, लेखक/लेखक, प्रकाशक का नाम, संस्करण वर्ष और पृष्ठ संख्या भी शामिल होनी चाहिए।
बिना आवश्यक प्रमाण के आपत्तियों पर विचार नहीं किया जाएगा। यदि किसी अभ्यर्थी ने मूल प्रमाण के साथ छेड़छाड़ करके अपलोड किया है, तो बोर्ड के नियमों के अनुसार उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी और आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।