छात्रों की शिकायत है कि छात्रवृत्ति की राशि बहुत कम है। राहुल ने कहा, "मैंने बिहार का उदाहरण दिया है, लेकिन ये विफलताएं पूरे देश में फैली हुई हैं।"
Press Trust of India | June 11, 2025 | 01:07 PM IST
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि वंचित वर्ग के छात्रों को समय पर पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जाए और उनके छात्रावासों की खराब स्थिति में सुधार किया जाए। प्रधानमंत्री को 10 जून को लिखे पत्र में राहुल गांधी ने कहा, "मैं आपसे दो महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने का अनुरोध करता हूं जो हाशिए के समुदायों से आने वाले 90 प्रतिशत छात्रों के लिए शैक्षिक अवसरों में बाधा डालते हैं।"
राहुल गांधी ने कहा कि दलित, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रावासों की स्थिति बहुत खराब है। हाल ही में दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास के दौरे के दौरान छात्रों ने बताया कि एक कमरे में 6-7 छात्रों को रहना पड़ता है।
राहुल गांधी ने कहा कि छात्रावासों में शौचालय गंदे हैं, पीने का पानी सुरक्षित नहीं है और मेस, लाइब्रेरी, इंटरनेट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिलने में देरी हो रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा, "बिहार में छात्रवृत्ति पोर्टल 3 साल तक काम नहीं कर रहा था, जिससे 2021-22 में किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिली। छात्रवृत्ति पाने वाले दलित छात्रों की संख्या 2023 में 1.36 लाख से घटकर 2024 में 69 हजार हो गई।
छात्रों की शिकायत है कि छात्रवृत्ति की राशि बहुत कम है। उन्होंने कहा, "मैंने बिहार का उदाहरण दिया है, लेकिन ये विफलताएं पूरे देश में फैली हुई हैं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इन दोनों विफलताओं को सुधारा जाए।"
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से मांग की कि दलित, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के छात्रावासों का ऑडिट किया जाना चाहिए और सफाई, भोजन और अध्ययन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक धनराशि दी जानी चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति समय पर दी जानी चाहिए, इसकी राशि बढ़ाई जानी चाहिए और राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसके क्रियान्वयन में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने पीएम से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई।
मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव ने पाठ्यक्रम समिति में शामिल करने के लिए लिखित अर्जी और मिठाई का डिब्बा लेकर आया था। साथ में एक लिफाफा था जिसमें 5,000 रुपये की नकदी थी।
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