केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) के स्वायत्त निकायों में क्रमशः 9,302.67 करोड़ रुपये और 5,800 करोड़ रुपये देखा जा सकता है।
Santosh Kumar | February 1, 2024 | 06:10 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (1 फरवरी) को अंतरिम बजट 2024 पेश किया। जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए शिक्षा क्षेत्र में स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए कुल परिव्यय 1,20,627.87 करोड़ रुपये है, जो चालू वर्ष के शिक्षा बजट की तुलना में 6.84% की वृद्धि है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट आवंटन स्कूली शिक्षा के लिए 73,498 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा के लिए 47,619.77 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। जो कि 2023-24 के बजट अनुमान की तुलना में 3,525.15 करोड़ रुपये या 7.4% की वृद्धि है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) के स्वायत्त निकायों में क्रमशः 9,302.67 करोड़ रुपये और 5,800 करोड़ रुपये देखा जा सकता है। विभाग ने कहा, केवीएस में आवंटन में 802 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जबकि एनवीएस में आवंटन में 330 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।” पिछले साल की तुलना में शिक्षा बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटन 8.27% बढ़कर 1,12,899.47 करोड़ रुपये हो गया।
समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) और पीएम पोषण (मध्याह्न भोजन) योजना जैसी सबसे बड़ी स्कूली शिक्षा योजनाओं के बजट में नाममात्र की वृद्धि देखी गई। एसएसए योजना के लिए चालू वर्ष के 37,453.47 करोड़ रुपये की तुलना में 47 करोड़ रुपये अधिक आवंटित किए गए।
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम श्री को 6,050 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि है। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि 1,000 से ज्यादा स्कूलों में रेनोवेशन का काम पूरा हो चुका है। सरकार ने पिछले साल कहा था कि वह करीब 15,000 स्कूलों का विकास और उन्नयन करेगी।
Education Budget 2024: उच्च शिक्षा बजट 2024
सरकार ने अंतरिम बजट में उच्च शिक्षा के लिए 47619.77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उच्च शिक्षा मद में 9625 करोड़ रुपये की कटौती की गयी है। 2023-24 के संशोधित बजट में यह राशि 57244.48 करोड़ रुपये थी।
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), जिसने पिछले साल फंड में भारी कटौती देखी थी, को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 212.12 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो अन्य सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा नियामकों की तुलना में सबसे कम है।
आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का फंड भी आधा कर दिया गया है। अनुसंधान का बजट, जो चालू वर्ष के लिए कम किया गया था, अगले वित्तीय वर्ष के लिए बढ़ाकर 355 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इसके अलावा इम्पैक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (IMPRINT) और स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ एकेडमिक एंड रिसर्च कोलैबोरेशन (SPARC) जैसी प्रमुख योजनाओं को अगले वित्तीय वर्ष में दोगुना फंड मिलेगा।
अपने अंतरिम बजट भाषण में, निर्मला सीतारमण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एसटीईएम पाठ्यक्रमों में महिलाओं और लड़कियों का 43% नामांकन दुनिया में सबसे अधिक में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च शिक्षा में महिला छात्रों का नामांकन 10 वर्षों में 28% बढ़ गया है।
(स्रोत- news.Careers360.com)