शिक्षा सप्ताह कार्यक्रम 2024 के तहत स्कूलों में हर दिन अलग-अलग प्रतियोगिताएं, कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें छात्र, अभिभावक और स्कूलों के शिक्षक शामिल होंगे।
Saurabh Pandey | July 22, 2024 | 08:04 AM IST
नई दिल्ली : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के चार वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस उपलक्ष्य में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग आज यानी 22 जुलाई से 28 जुलाई, 2024 तक शिक्षा सप्ताह मनाएगा। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा और साक्षरता के मूल्य पर प्रकाश डालते हुए ज्ञान और सीखने के माध्यम से छात्रों, शिक्षकों, स्कूल प्रशासकों और समुदायों को इसमें शामिल करना और सशक्त बनाना है।
शिक्षा सप्ताह कार्यक्रम 2024 के अनुसार, पहला दिन शिक्षकों को स्थानीय संदर्भ के आधार पर एलटीएम प्रदर्शित करने और कक्षा संचालन में इसका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित होगा। दूसरा दिन फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी (एफएलएन) पर केंद्रित होगा, जिसका लक्ष्य निपुण भारत मिशन के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
तीसरा दिन 24 जुलाई 2024 खेलों को समर्पित होगा, जिसमें खेल विभाग, युवा मामले विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और समुदाय के सदस्यों के सहयोग से आयोजित प्रतियोगिताएं शामिल होंगी।
छात्रों के बीच एकता और विविधता को बढ़ावा देने के लिए चौथे दिन 25 जुलाई 2024 को सांस्कृतिक दिवस मनाया जाएगा। छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं की सराहना करने, विविधता के बारे में उनकी समझ बढ़ाने और समुदाय की भावना को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
पांचवां दिन 26 जुलाई कौशल और डिजिटल पहल पर केंद्रित होगा, जो उभरते नौकरी बाजार और नए कौशल की आवश्यकता को प्रतिबिंबित करेगा। प्रमुख कार्यक्रमों में कौशल विकास और शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर सत्र शामिल होंगे।
छठे दिन 27 जुलाई को ध्यान पर्यावरणीय स्थिरता और स्कूल पोषण पर केंद्रित होगा। स्कूलों में नए इको क्लब स्थापित किए जाएंगे और छात्रों, उनके समुदायों और पर्यावरण के बीच संबंध को मजबूत करने के लिए #Plant4Mother पहल के तहत वृक्षारोपण अभियान आयोजित किया जाएगा। यह दिन छात्रों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने में स्कूल पोषण के महत्व पर भी जोर देगा।
शिक्षा सप्ताह 28 जुलाई का अंतिम दिन सामुदायिक भागीदारी के लिए समर्पित होगा, जिसमें तिथि भोजन और विद्यांजलि जैसी गतिविधियां शामिल होंगी। लक्ष्य स्थानीय समुदायों, स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी), अभिभावक-शिक्षक संघों (पीटीए), और पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के साथ सहयोग को बढ़ावा देना है।