जेएमसी द्वारा आयोजित और मूल्यांकन की गई परीक्षा में एनसीवेब की लगभग 500 छात्राओं के अनुत्तीर्ण होने के बाद डीयू ने जांच के आदेश दिए हैं।
Press Trust of India | December 3, 2024 | 10:52 AM IST
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय ने नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) की करीब 500 छात्राओं के जीसस एंड मैरी कॉलेज में आयोजित और मूल्यांकन की गई परीक्षा में फेल होने के बाद जांच के आदेश दिए हैं। कॉलेज प्रशासन ने कथित विसंगतियों को लेकर एक स्टाफ सदस्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस से भी संपर्क किया। हालांकि, आरोपों के बारे में कॉलेज अधिकारियों और एनसीडब्ल्यूईबी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
डीयू अधिकारी के अनुसार, रिकार्ड में यह विसंगति प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों की शिकायतों के बाद सामने आई, जिन्होंने कहा कि उनमें से कई को परीक्षा में बैठने के बावजूद "फेल", "ईआर" या "अनुपस्थित" दिखाया गया था।
छात्रों ने दावा किया कि उन्होंने अपनी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया था और कॉलेज पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि उनकी उत्तर पुस्तिकाएं दिखाई जाएं और उनके परिणाम में सुधार किया जाए।
प्रदर्शनकारी एनसीडब्ल्यूईबी की छात्रा विधि चौधरी ने बताया कि पिछले साल से ही उनके कॉलेज (जेएमसी) के रिजल्ट में ईआर की समस्या आ रही है। परीक्षा देने के बावजूद छात्रों को 'ईआर' और 'फेल' दिखाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "जब भी हम इस मुद्दे को उठाते हैं, तो हमें बताया जाता है कि इसे सुलझा लिया जाएगा। अब कॉलेज ने हमें सभी ईआर परीक्षाओं में बैठने के लिए कहा है, जबकि हमारे पास सबूत है कि हमने सभी परीक्षाएं पास कर ली हैं।"
वहीं अब इस मुद्दे पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने पीड़ित छात्रों के साथ मिलकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। छात्र नेताओं ने मांग की है कि छात्रों को उत्तर पुस्तिकाएं दिखाई जाएं और उनमें सुधार किया जाए।
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सोमवार को छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। डीयू के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और कॉलेज को समस्या का तुरंत समाधान करने का निर्देश दिया गया है।
छात्र मांग कर रहे हैं कि एनसीवेब केंद्रों को अलग परीक्षा शाखा के अंतर्गत लाया जाए और अतिरिक्त स्टाफ मुहैया कराया जाए। डीयू अधिकारी ने कहा कि छात्रों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि फेल छात्रों की मदद नहीं की जा सकती, लेकिन गलत तरीके से फेल दिखाए गए छात्रों के लिए कॉलेज को परिणाम सुधारने का निर्देश दिया गया है। रिकॉर्ड में गड़बड़ी करने वाले कर्मचारी के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है।
आईआईटीके कैंपस प्लेसमेंट और प्री-प्लेसमेंट ऑफर (PPO) के माध्यम से 523 छात्रों को नौकरी की पेशकश की गई है, इनमें से 199 छात्रों ने प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से PPO स्वीकार किया है।
Abhay Pratap Singh