Santosh Kumar | October 9, 2025 | 07:24 AM IST | 1 min read
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने एसएससी को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब मांगा।
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को उसके उस आदेश के लिए फटकार लगाई जिसमें प्रश्नपत्रों पर व्यक्तियों और सोशल मीडिया सामग्री बनाने वालों द्वारा किसी भी तरह की चर्चा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अदालत ने कहा कि एसएससी "परीक्षा के प्रश्नपत्रों के संबंध में चर्चा पर रोक नहीं लगा सकता।"
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने एसएससी को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब मांगा। याचिका में दावा है कि एसएससी ने प्रश्नपत्रों पर चर्चा और विश्लेषण पर अनुचित रोक लगाने को कहा है।
पीठ ने कहा, "एसएससी ऐसा प्रतिबंध नहीं लगा सकता। आयोग इस तरह की अधिसूचना कैसे जारी कर सकता है? परीक्षा हॉल से बाहर निकलने के बाद प्रश्नपत्र पर चर्चा करना सामान्य बात है। इस पर रोक कैसे लगाई जा सकती है?"
विकास कुमार मिश्रा की याचिका में कहा गया कि एसएससी ने 8 सितंबर को नोटिस जारी कर चेतावनी दी कि जो व्यक्ति या सोशल मीडिया मंच एसएससी परीक्षा के प्रश्नपत्र या सामग्री पर चर्चा, विश्लेषण या प्रसार करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एसएससी केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में ग्रुप बी और ग्रुप सी पदों के लिए भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है। याचिका में कहा गया कि आयोग ने प्रश्नपत्रों पर चर्चा, विश्लेषण और प्रसार पर रोक लगाई है और उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
याचिका में दावा किया गया कि एसएससी का कदम अवैध, मनमाना है और इसे रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि यह छात्रों और लोगों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।