राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत शुरू की गई यह संरचना पहले की 10+2 प्रणाली की जगह लेती है और स्कूली शिक्षा को चार चरणों में पुनर्गठित करती है।
Press Trust of India | June 22, 2025 | 11:09 AM IST
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 से पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 6 वर्ष की समान न्यूनतम आयु लागू करने का फैसला लिया है। साथ ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) एवं शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के अनुरूप स्कूली शिक्षा के आधारभूत चरण के पुनर्गठन की घोषणा की है।
शिक्षा निदेशालय (डीओई) द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, आधारभूत चरण को पुनर्गठित किया जाएगा, जिसमें कक्षा एक से पहले तीन वर्ष की पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को शामिल किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य दिल्ली की स्कूल प्रणाली को एनईपी के तहत अनुशंसित 5+3+3+4 संरचना के अनुरूप बनाना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत शुरू की गई यह संरचना पहले की 10+2 प्रणाली की जगह लेती है और स्कूली शिक्षा को चार चरणों में पुनर्गठित करती है, जिनमें पांच साल का आधारभूत चरण, तीन साल का प्रारंभिक चरण, तीन साल का मध्य चरण और चार साल का माध्यमिक चरण शामिल है।
परिपत्र में कहा गया है कि बच्चों को तीन वर्ष की आयु में नर्सरी (जिसे प्री-स्कूल या ‘बाल वाटिका’ भी कहा जाता है) में, चार वर्ष की आयु में ‘लोअर केजी’ (प्री-स्कूल 2) में तथा पांच वर्ष की आयु में ‘अपर केजी’ (प्री-स्कूल 3) में दाखिला दिया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से पहली कक्षा में प्रवेश केवल छह वर्ष की आयु पूरी होने पर ही दिया जाएगा।
परिपत्र के अनुसार, इस प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास में निदेशालय ने अभिभावकों, शिक्षकों, छात्रों, स्कूल प्रबंधन, विषय विशेषज्ञों, पेशेवरों, विद्वानों और आम जनता सहित हितधारकों से 10 जुलाई से पहले सुझाव आमंत्रित किए हैं।