Delhi School News: दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस रेगुलेट करने के लिए नया कानून अधिसूचित किया

Press Trust of India | December 12, 2025 | 06:16 PM IST | 2 mins read

पंजीकरण शुल्क 25 रुपये, प्रवेश शुल्क 200 रुपये और सुरक्षा जमा राशि 500 रुपये निर्धारित की गई है, जो ब्याज के साथ वापसी योग्य होगी।

स्कूलों को फीस के घटकों के बारे में बताना होगा और हर कैटेगरी के लिए अलग-अलग खाते रखने होंगे।(प्रतीकात्मक-पिक्सल)
स्कूलों को फीस के घटकों के बारे में बताना होगा और हर कैटेगरी के लिए अलग-अलग खाते रखने होंगे।(प्रतीकात्मक-पिक्सल)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल एजुकेशन (फीस तय करने और रेगुलेशन में ट्रांसपेरेंसी) एक्ट, 2025 को अधिसूचित करके प्राइवेट स्कूलों में फीस रेगुलेशन के लिए एक नया फ्रेमवर्क लागू किया है। असेंबली से पास होने के चार महीने बाद, लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना की मंज़ूरी के बाद बुधवार को इस कानून को अधिसूचित किया गया। इस अधिनियम में अनुमत शुल्क मदों एवं लेखांकन प्रथाओं पर विस्तृत प्रावधान हैं और अतिरिक्त शुल्कों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

कानून "कैपिटेशन फीस" और कानून के तहत मंज़ूर राशि से अधिक फीस लेने पर रोक लगाता है। अधिसूचना में कहा गया है कि स्कूलों को फीस के घटकों के बारे में बताना होगा और हर कैटेगरी के लिए अलग-अलग खाते रखने होंगे।

Delhi School News: सरकार द्वारा शुल्क सीमित किया गया

इस एक्ट के तहत, प्राइवेट बिना मदद वाले मान्यता प्राप्त स्कूलों को केवल रजिस्ट्रेशन, एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस, सालाना फीस और डेवलपमेंट फीस जैसे खास हेड्स के तहत आइटम के हिसाब से फीस लेने की अनुमति होगी।

पंजीकरण शुल्क 25 रुपये, प्रवेश शुल्क 200 रुपये और सुरक्षा जमा राशि 500 रुपये निर्धारित की गई है, जो ब्याज के साथ वापसी योग्य होगी। विकास शुल्क वार्षिक ट्यूशन शुल्क के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता।

Also readPariksha Pe Charcha 2026: परीक्षा पे चर्चा के लिए रजिस्ट्रेशन जारी, अब तक 8 लाख से अधिक आवेदन, जानें लास्ट डेट

'कैपिटेशन फीस' लेना पूरी तरह से मना

कानून में यह भी अनिवार्य है कि उपयोगकर्ता-आधारित सभी सेवा शुल्क सख्ती से लाभ-हानि रहित आधार पर ही लिए जाने चाहिए। ये शुल्क उन विद्यार्थियों पर नहीं लगाए जा सकते जो सेवा का उपयोग नहीं करते हैं।

अधिनियम में स्पष्ट रूप से अनुमत न किया गया कोई भी शुल्क ‘अनुचित शुल्क मांग’ माना जाएगा। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ‘कैपिटेशन फीस’ लेना सख्त रुप से निषिद्ध है। अधिनियम के तहत विद्यालयों को निर्देशों को पालन करना होगा।

अचल संपत्तियों की पंजी बनाए रखना होगा। कर्मचारियों के लिए उचित प्रावधान सुनिश्चित करना होगा। छात्रों से ली गई राशि किसी समिति या ट्रस्ट को नहीं दी जा सकती। धनराशि या तो लौटाई जाए या अगली फीस में समायोजित की जाए।

Download Our App

Start you preparation journey for JEE / NEET for free today with our APP

  • Students300M+Students
  • College36,000+Colleges
  • Exams550+Exams
  • Ebooks1500+Ebooks
  • Certification16000+Certifications