Saurabh Pandey | May 26, 2025 | 07:04 PM IST | 2 mins read
स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज सीयू, उत्तर प्रदेश में अब तीन कार्यक्रम शुरू करेगा। इसमें बीए एलएल.बी (ऑनर्स), बीबीए एलएल.बी (ऑनर्स), और तीन वर्षीय एलएल.बी शामिल होगा।
नई दिल्ली : चंडीगढ़ विश्वविद्यालय (सीयू) लखनऊ परिसर को लॉ प्रोग्राम शुरू करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की मंजूरी मिल गई है। बीसीआई ने इस संबंध में सीयू को स्वीकृति पत्र जारी कर दिया है। सीयू लखनऊ शैक्षणिक सत्र 2025 से एलएलबी के लिए 120 सीटें और 5 वर्षीय एकीकृत कार्यक्रमों के लिए 240 सीटें प्रदान करेगा।
स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज सीयू, उत्तर प्रदेश में अब तीन कार्यक्रम शुरू करेगा। इसमें बीए एलएल.बी (ऑनर्स), बीबीए एलएल.बी (ऑनर्स), और तीन वर्षीय एलएल.बी शामिल होगा। प्रत्येक को तकनीकी कौशल और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ फाउंडेशनल लीगल प्रिंसिपल को मिश्रित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इसके पाठ्यक्रम में क्रिमिनल लॉ, सिविल कानून, कराधान कानून, कॉर्पोरेट कानून, अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता, साइबर कानून, आईटी कानून और ई-कॉमर्स कानून जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल होंगे। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय छात्रों को लीगल स्टडीज के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इमर्सन के उपकरणों के बारे में भी जानकारी देगा, जहां वे लेक्सिस नेक्सिस, एवरनोट, एआई लॉयर आदि जैसे एआई उपकरणों का उपयोग करना सीखेंगे।
सीयू के आधिकारिक बयान के अनुसार, अभिषेक कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के सीयू में स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज के अकादमिक प्रमुख के रूप में शामिल हुए हैं। सीयू में स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख अभिषेक कुमार सिंह को 12 साल का अनुभव है। अभिषेक कुमार सिंह के पास एलएलबी (ऑनर्स), एलएलएम और साइबर अपराध में पीएचडी है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तीन पुस्तकों का लेखन और संपादन किया और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में 20 से अधिक शोध पत्र भी प्रकाशित किए हैं।
स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज ने अपने शिक्षण में अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया है। एआई और कानून और एआई और बौद्धिक संपदा कानून (AI and Intellectual Property Laws) जैसे पाठ्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि छात्र कानून और प्रौद्योगिकी के इंटरसेक्शन पर उभरने वाले जटिल मुद्दों को समझने और उनसे निपटने के लिए तैयार हों ।
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डॉ. थिपेंद्र पी सिंह ने कहा कि छात्रों को कानूनी शिक्षा के उभरते क्षेत्रों में कई विशेषज्ञताएं प्रदान की जाएंगी, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता, पर्यावरण कानून, कॉर्पोरेट और व्यावसायिक कानून, साइबर कानून, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून, ई-कॉमर्स कानून शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की शुरुआत के साथ भारतीय न्यायपालिका में कानूनी ढांचे में हाल ही में बड़े सुधार हुए हैं। भारतीय न्याय प्रणाली में त्वरित न्याय के दृष्टिकोण ने आम आदमी को नई उम्मीद दी है।
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय अपने छात्रों के लिए लीगल स्टडी में व्यावहारिक सीखने का दृष्टिकोण प्रदान करेगा, जहां छात्र मूट कोर्ट, शीर्ष कानूनी फर्मों के साथ इंटर्नशिप के माध्यम से सीखेंगे। इसके अलावा, न्यायपालिका परीक्षाओं की तैयारी चंडीगढ़ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में शैक्षणिक शिक्षा का अभिन्न अंग होगी।