Press Trust of India | August 14, 2025 | 10:25 AM IST | 2 mins read
संसदीय समिति ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि 7,008 पात्र संस्थानों में से लगभग 4,000 को अभी भी ओएनओएस का लाभ नहीं मिला है।
नई दिल्ली: संसदीय समिति ने चिंता व्यक्त की है कि शिक्षा मंत्रालय की 'एक राष्ट्र एक सदस्यता' (ओएनओएस) योजना के तहत 7,008 पात्र संस्थानों में से लगभग 4,000 को लाभ नहीं मिला है। शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में यह चिंता व्यक्त की गई है। राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली इस समिति की रिपोर्ट 12 अगस्त को संसद में पेश की गई।
समिति ने ओएनओएस की वर्तमान स्थिति को लेकर अद्यतन सूचना जमा कराने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति ने नोट किया कि ओएनओएस योजना को मंजूरी दी गई है और उसे लागू कर दिया गया है।
समिति की सिफारिश में ओएनओएस योजना के शीघ्र कार्यान्वयन का आह्वान किया गया। संसदीय समिति ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि 7,008 पात्र संस्थानों में से लगभग 4,000 को अभी भी ओएनओएस का लाभ नहीं मिला है।
इसमें कहा गया है कि समिति विभाग को ओएनओएस की पहुंच की वर्तमान स्थिति के बारे में अद्यतन जानकारी देने और योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने का निर्देश देगी।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि एएनआरएफ अधिनियम 2023 को पूरी तरह से लागू किया गया था। इसके अंतर्गत गठित कार्यकारी परिषद ने रणनीतिक निर्देश दिए, कार्यों की निगरानी की और उद्देश्यों के कार्यान्वयन की परिकल्पना की गई।
लेकिन वित्त वर्ष 2024-25 में उच्चतर शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान, समिति को सूचित किया गया कि एएनआरएफ पिछले वित्त वर्ष के लिए अपने बजट में से कोई भी धनराशि खर्च नहीं कर पाया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि समिति को एएनआरएफ की मौजूदा स्थिति और योजनाओं की जानकारी देनी चाहिए। योजना से शोधकर्ताओं को सस्ती दर पर प्रकाशन मिलेंगे। इसका समन्वय प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय कर रहा है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आज (13 अगस्त) शिक्षा, महिला, बाल, खेल एवं युवा मामलों संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट का लिंक ‘एक्स’ पर साझा किया और कहा कि इस समिति ने कई अहम टिप्पणियां और सिफारिशें की हैं।
Santosh Kumar