Santosh Kumar | October 29, 2024 | 02:25 PM IST | 1 min read
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईआईटी रुड़की और एनआईएसई के बीच सहयोग राष्ट्रीय सौर मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा और प्रौद्योगिकी विकास के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य भारत में सौर ऊर्जा के विकास को एक नई दिशा देना है।
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य विद्वानों के आदान-प्रदान, सहयोगात्मक व्याख्यानों, आंकड़ों और शोध सामग्री के आदान-प्रदान तथा नई प्रौद्योगिकियों के विकास के माध्यम से अकादमिक सहयोग और सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
आईआईटी रुड़की और एनआईएसई के बीच साझेदारी का उद्देश्य भारत की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा की क्षमता का दोहन करना है, साथ ही पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करना है।
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यह सहयोग सौर प्रौद्योगिकी में नए अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा, जिससे उद्योग और समाज को लाभ होगा। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईआईटी रुड़की और एनआईएसई के बीच सहयोग राष्ट्रीय सौर मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
आईआईटी रुड़की के निदेशक कमल किशोर पंत ने कहा, "हमारे जल एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के सहयोग से यह कदम सौर ऊर्जा अनुसंधान और नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाएगा, जिससे भविष्य में टिकाऊ समाधान में मदद मिलेगी।"
एनआईएसई के महानिदेशक डॉ. मोहम्मद रेहान ने कहा, "यह सहयोग हमें नई परियोजनाओं पर एक साथ काम करने की क्षमता प्रदान करेगा, जो हमारे संस्थानों और देश भर में सौर ऊर्जा को अपनाने के राष्ट्रीय एजेंडे का भी समर्थन करेगा।"