Draft UGC Regulations: गैर-पेशेवर मास्टर डिग्री धारकों को सहायक प्रोफेसर के लिए यूजीसी नेट पास करना अनिवार्य

यूजीसी के अध्यक्ष ममीडाला जगदीश कुमार ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए तीन योग्यताएं तय की हैं।

यूजीसी के चेयरमैन ममीडाला जगदीश कुमार ने कहा है कि संकाय सदस्य हमारे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की रीढ़ हैं। (इमेज-X/@ugc_india)
यूजीसी के चेयरमैन ममीडाला जगदीश कुमार ने कहा है कि संकाय सदस्य हमारे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की रीढ़ हैं। (इमेज-X/@ugc_india)

Santosh Kumar | January 10, 2025 | 07:48 PM IST

नई दिल्ली: यूजीसी के चेयरमैन ममीडाला जगदीश कुमार ने कुलपति नियुक्तियों के लिए मसौदा नियमों का बचाव करते हुए कहा कि नई प्रक्रिया पारदर्शिता बढ़ाएगी और अस्पष्टता को दूर करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि गैर-व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में मास्टर डिग्री रखने वालों को सहायक प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी-नेट पास करना होगा। कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसके विपरीत दावा किया गया, जिसे उन्होंने झूठा बताया।

यूजीसी के चेयरमैन ममीडाला जगदीश कुमार ने कहा है कि संकाय सदस्य हमारे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की रीढ़ हैं। इसलिए, जब हम उनका चयन और पदोन्नति करते हैं, तो हमें उनका समग्र मूल्यांकन करने की आवश्यकता होती है।

Draft UGC Regulations 2025: सहायक प्रोफेसर के लिए पात्रता

कुमार ने एएनआई से कहा कि पहले केवल स्नातक और पीएचडी डिग्री होने पर नियुक्ति संभव नहीं थी, लेकिन नए नियमों से यह संभव हो जाएगा। अब विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में भर्ती के लिए तीन योग्यताएं तय की गई हैं।

स्नातक और पीएचडी या मास्टर डिग्री और पीएचडी वाले लोग बिना यूजीसी-नेट दिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन कला, मानविकी, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान जैसे गैर-पेशेवर विषयों में मास्टर डिग्री धारकों को यूजीसी-नेट पास करना होगा।

लेकिन इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री (जैसे एमई या एमटेक) वाले उम्मीदवारों को यूजीसी-नेट परीक्षा देने की जरूरत नहीं है। वे सीधे इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों में सहायक प्रोफेसर के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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UGC Draft Regulations 2025: मार्च के अंत तक अंतिम अधिसूचना

यूजीसी के नए नियमों का कई शिक्षक संघों और तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने विरोध किया है। दोनों राज्यों का कहना है कि इससे कुलपति की नियुक्ति में राज्यपाल की शक्तियां बढ़ जाएंगी।

इससे उच्च शिक्षा प्रशासन में राज्य सरकारों का प्रभाव कम होगा। यूजीसी प्रमुख कुमार ने कहा, "खोज-सह-चयन समिति अब कुलाधिपति द्वारा गठित की जाएगी, जिसका 2018 के नियमों में स्पष्ट उल्लेख नहीं था।"

उन्होंने कहा कि समिति में 3 सदस्य होंगे। बता दें कि यूजीसी ने इस सप्ताह (6 जनवरी) जारी मसौदा विनियमन में 5 फरवरी तक हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी है। यूजीसी द्वारा मार्च के अंत तक अंतिम अधिसूचना जारी करने की उम्मीद है।

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