बीसीआई की तरफ से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि जो छात्र अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि, एक साथ डिग्री की स्थिति, या रोजगार के बारे में खुलासा करने में विफल रहते हैं, उन्हें शैक्षणिक और कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें उनकी मार्कशीट और डिग्री को रोकना भी शामिल है।
संस्थान की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की प्रगति चुनौतियों को बढ़ा रही है।
बीएचयू को पहले ही इसी तरह के काम के लिए दो जर्मन पेटेंट मिल चुके हैं। टीम ने दो अंतरराष्ट्रीय और दो अतिरिक्त भारतीय पेटेंट भी दाखिल किए हैं।