आरटीई लॉटरी के माध्यम से एमपी में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के तहत 1.12 लाख सीटों पर गरीब बच्चों को मुफ्त निजी विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा।
Abhay Pratap Singh | March 14, 2024 | 10:02 PM IST
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए ‘ऑनलाइन लॉटरी’ के माध्यम से प्रवेश कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। एमपी में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के माध्यम से निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश के लिए करीब 1.48 लाख छात्रों ने आवेदन किया था।
आज यानी 14 मार्च को मंत्रालय में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने 84 हजार बच्चों को लाटरी के माध्यम से स्कूल आवंटित किया। इन बच्चों को 23 मार्च तक अनिर्वाय रूप से आवंटित विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। बताया गया कि आरटीई के तहत चयनित छात्रों को एसएमएस द्वारा सूचना दी जाएगी।
एमपी में शिक्षा का अधिकार अधिनयिम (आरटीई) के तहत प्रदेश भर के 26 हजार निजी स्कूलों के 1.12 लाख सीटों पर कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों के निःशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। एमपी आरटीई के तहत मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में प्रवेश के लिए 77,473 छात्र और 71,022 छात्राओं ने आवेदन किया था।
एमपी स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि, “सीएम मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग लगातार बेहतर से बेहतर करने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति देश में लागू की गई है।”
मंत्री ने सोशल साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि, “मध्य प्रदेश भी उन अग्रणी राज्यों में शामिल है, जो नई शिक्षा नीति को जमीन पर लाने में अपनी तरफ से सार्थक प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही मैं पालकों से अनुरोध करता हूँ कि अपने बच्चों को समय पर स्कूल भेजें और उनकी पढ़ाई की चिंता करें एवं हमेशा स्कूल के सम्पर्क में भी रहें।”
मंत्री उदय सिंह द्वारा कार्यक्रम के दौरान सिंगल क्लिक के माध्यम से 30 जिलों के 33 लाख छात्रों को ड्रेस के लिए करीब 137 करोड़ रुपये उनके बैंक खातों में भेजा गया। वहीं, मंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग के उल्लास कार्यक्रम के लिए तैयार किए गए मोबाइल एप की भी शुरुआत की। बता दें कि इस कार्यक्रम में विशेष कक्षा लगाकर चयनित व्यक्तियों को साक्षर किया जाता है।
हाइब्रिड मानव रहित हवाई वाहन (UAV) की बढ़ती लोकप्रियता के साथ शोधकर्ताओं ने एक स्वदेशी उत्पाद बनाने का प्रयास किया है। इसका उपयोग बचाव प्रयासों और तेल रिसाव के मानचित्रण के लिए किया जा सकता है।
Abhay Pratap Singh