यौन उत्पीड़न संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन है। यूजीसी ने महिला कर्मचारियों और छात्राओं की सुरक्षा के लिए नियम बनाए हैं। सभी विश्वविद्यालयों को इन नियमों का पालन करना होगा और अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे अपने संस्थानों में यौन उत्पीड़न के मामलों पर सख्त कार्रवाई करें।
Santosh Kumar | June 3, 2025 | 04:46 PM IST
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में महिलाओं और छात्राओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) को यौन उत्पीड़न रोकथाम विनियमों के अनुपालन के बारे में विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
यूजीसी द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार, कॉलेज शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए सक्षम पोर्टल saksham.ugc.ac.in और यूएएमपी पोर्टल uamp.ugc.ac.in पर उपलब्ध फॉर्म में अनुपालन विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं।
यूजीसी ने देश के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे अपने संस्थानों में यौन उत्पीड़न के मामलों पर सख्त कार्रवाई करें। यूजीसी ने पहले भी कई बार इस संबंध में निर्देश दिए हैं और जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है।
यूजीसी ने साफ तौर पर कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थान यौन उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लें और इसके खिलाफ तत्काल आवश्यक कार्रवाई करें। जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, यूजीसी द्वारा जारी की गई सलाह इस प्रकार है-
सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अपने-अपने पोर्टल (वेबसाइट) पर ये जानकारियां अपलोड करनी होंगी-
यौन उत्पीड़न संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन है। यूजीसी ने महिला कर्मचारियों और छात्राओं की सुरक्षा के लिए नियम बनाए हैं। सभी विश्वविद्यालयों को इन नियमों का पालन करना होगा और अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
राज्य शिक्षा विभाग ने छात्रों के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) के आंकड़ों के विस्तृत विश्लेषण के बाद सोमवार (2 जून) को यह आदेश जारी किया, जिसमें बड़ी संख्या में ऐसे स्कूलों की पहचान की गई है जो कई वर्षों से बंद हैं।
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